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तू........


कभी टोमेटो केचप की तरह है तू खट्टी मीठी

कभी लाल मिर्ची की तरह है तू गुस्से से एकदम तीखी

कभी रसगुल्ले की तरह एकदम मीठी

कभी पोपकोर्न की तरह एकदम हल्की सी

कभी समोसे की तरह नमकीन,

कभी इमली की तरह  बेहद खट्टी 

कभी पिज़्ज़े की तरह एकदम चीज़ी

कभी करेले की तरह  कड़वी पर सेहत के लिए अच्छी

कभी आचार की तरह चटकदार

कभी आलू की तरह कही भी किसी भी परिस्थिति में सेट हो जाये

कभी  प्याज की तरह जितनी परत खोलो रोना आ जाये

कभी आम के रस की तरह मन अतृप्त ही हो

कभी  सेब की तरह हर वक्त अवेलेबल

कभी बादाम की तरह एकदम महंगी

कभी उस ढोकले की तरह फुलीफुली

कभी चॉकलेट की तरह चॉकलेटी 

कभी गोबी की  तरह काफी राज़ मन में दफन

कभी चाय की तरह एकदम कड़क,

पानीपुरी की तरह ,मीठी,खट्टी,और तीखी,मनलोभावन 

पर जैसी भी है तू ही चहिये

पर जैसी भी है तू मेरी ही है।


-Vidhi S. Mehta

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