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बारिश और तुम

 हम तुम और यह बरसात साथ हो 

तो बात ही कुछ और है।

वो ठंडी बारिश की बूंदो का चेहरे पर छूना,

जैसे तुम छू रहे हो।

वो ठंडी ठंडी हवा का मुजे छूना

जैसे तुम मेरे बालो को सहला रहे हो।

वो गर्म गर्म पकोड़े की  खुशबू 

तुम्हारी याद दिला रही है।

वो रात की खामोशी,

तुम्हारे बिन कहे लब्ज़ की याद दिला रही है।

वो पंछियो  की   चहक

तुम्हारे और मेरे साथ में बिताए हुए पल की याद दिला रही है।

वो पहली बारिश की मिट्टी की  खुशबू

तुम्हारे जिस्म की महेक  की याद दिला रही है।

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